learnslokas
Thursday, October 17, 2019
LISTEN AND GET BLESSINGS
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।। पल्लवि - अन्नपूर्णे विशालाक्षि रक्ष ! अखिल-भुवन-साक्षी कटाक्षि
अनुपल्लवि - उन्नत-गर्त्त-तीर-विहारिणी ॐकारिणी दुरितादि-निवारिणी पन्नगाभरण-राज्ञी पुराणी परमेश्वर-विश्वेवर-भास्वरी
चरणम् - पायसान्न-पूरित-माणिक्य-पात्र-हेम-दर्वि-विधृत-करे कायजादि-रक्षण-निपुण-तरे काञ्चन-मय-भूषणाम्बर-धरे तोयजासनादि-सेवित-परे तुम्बुरु-नारदादि-नुत-पदे दयातीत-मोक्ष-प्रद-चतुरे त्रिपद-शोभित-गुरुगुह-सादरे ।।
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